Teleconsultation Form(s) टेली कंसल्टेशन से जुड़ी फॉर्म
 मरीजों के प्रथम परामर्श के लिए आवश्यक जानकारी

निम्नलिखित जानकारी मरीज के अभिभावक या मरीज या दोनों के द्वारा दी जा सकती है/जहां पर भी दोनों द्वारा दी गयी जानकारी अलग अलग है वहां आप दोनों को अंकित करते हुए लिख दें कि कौन सी जानकारी किनके द्वारा दी गयी है/आपके द्वारा दी गयी जानकारी क़ानूनसंगत रूप से गुप्त रखी जायेगी/इसका उपयोग केवल आपके बेहतर इलाज और रिसर्च के लिए किया जाएगा/ आपके द्वारा दी गयी समुचित जानकारी ही आपके मानसिक समस्याओं की सही आकलन की सबसे जरूरी तत्व हैं/
बच्चों और बुजुर्गों के लिए लक्षणों की सूची अलग से भी दी गयी है/ अगर आपके मरीज बच्चे या बुजुर्ग हैं तो आप उन लक्षणों से जुड़ी जानकारी देंगे/

  1. मरीज का नाम
  2. उम्र
  3. लिंग- पुरुष/महिला/अन्य
  4. बर्तमान पता
  5. कामकाज-नौकरी/स्वरोजगार/बेरोजगार/गृहिणी/छात्र/छात्रा/अन्य
  6. विवाहित/अविवाहित/तलाकशुदा/अन्य (स्पस्ट करें)
  7. जानकारी देने वाला अभिभावक का मरीज से संबंध- माता/पिता/पति/पत्नी/भाई/बहन/अन्य(स्पस्ट करें)
  8. बर्तमान लक्षण की अवधि –
  9. वर्तमान लक्षण
    लक्षण : हाँ ,नही ;अगर हां तो उदाहरण देकर स्पस्ट करें
     नींद की कमी
     नींद की अधिकता
     भूख की कमी
     वजन कम जो जाना
     भूख की अधिकता
     बजन का बढ़ जाना
     सेक्स की कमी
     सेक्स की अधिकता
     सुस्त रहना
     पहले से कम बोलना
     खुशी महसूस न कर पाना
     मन का दुखी रहना
     स्वभाव में चिड़चिड़ापन
     दिमाग में तेज की कमी
     ध्यान एकाग्रचित न रह पाना
     चीजों को याद न रख पाना या भूल जाना
     दिमाग में हमेशा नकारात्मक सोच आना
     आत्महत्या के ख्याल बार बार आना
     न चाहते हुए भी दिमाग में गलत/गंदे सोच आना
     एक ही काम को बार बार दोहराना
     बंद जगह जैसे लिफ्ट, रेलगाड़ी, हवाई जहाज में घुटन महसूस करना
     भीड़ वाली जगह में घबराहट होना
     हमेशा अनिष्ट की आशंका बनी रहना
     अपने अंदर हीन भावना का महसूस होना
     हमेशा खुद को बीमार बताना और अनावश्यक जांच की जरूरत बताना
     अनावश्यक रूप से हरेक छोटी छोटी चीजों में चिंता
     अनावश्यक रुप से उग्र हो जाना,
     ज्यादा चंचल रहना
     पहले से ज्यादा बोलना
     अनावश्यक रूप से शंका करना
     खुद में बुदबुदाना या बिना मतलब अकेले में मुस्कुराना
     एकांतवास पसंद करना,
     खुद के रखरखाव में गिरावट जैसे दाढ़ी या बाल को अनावश्यक रूप से बढ़ाना
     नशे जैसे गांजा/चरस/स्मैक/शराब/तम्बाकू आदि का अत्यधिक सेवन करना,
     ऊपरी हवा सवार हो जाना
     बार बार दांत लग जाना
     तुनक मिजाजी होना,
     अनावश्यक (बिना किसी स्पस्ट कारण के)रूप से गुस्सा आना
     बार बार आत्महत्या के ख्याल आना,
     खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना जैसे चाकू या ब्लेड से हाथ को काट लेना
     क्रिया कलापों में बदलाव जैसे अपनी जिम्मेदारी न निभा पाना
     अन्य लक्षण———–
     शारीरिक बीमारी जैसे डायबिटीज, थाइरोइड, ज्यादा BP

निम्नलिखित लक्षण बच्चो की मानसिक समस्याओं(15 साल से कम उम्र ) से जुड़े है/ बच्चों के अभिभावक उनसे संवेदनशील होकर इन प्रश्नों को पूछकर जवाब देंगे
लक्षण :हाँ ,नही ;अगर हां तो उदाहरण देकर स्पस्ट करें
 अत्यधिक चंचलता
 एकाग्रचित्त और ध्यान की कमी
 पढ़ाई में गिरावट
 खेल कूद में मन नही लगना
 अनावश्यक रूप से डरना
 बार बार दांत बैठ जाना
 गंदगी से जुड़े बुरे ख्याल और अनावश्यक रूप से हाथ पैर धोना
 एक ही बात अनावश्यक रूप से पूछते रहना
 नींद से डर के उठ जाना
 भूख की कमी
 अन्य लक्षण——————–
निम्लिखित लक्षण बुजुर्गो की मानसिक समस्याएं (जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है) को ध्यान में रखकर दी गयी हैं/ मरीज के अभिभावक अपने आकलन और मरीज से यथासंभव पूछ के लक्षणों का आकलन करें—
लक्षण :हाँ, नही ;अगर हां तो उदाहण देकर स्पस्ट करे
 नींद की कमी
 चिड़चिड़ापन
 नकारात्मक सोच
 आत्महत्या के बीच
 भूख की कमी
 बजन की कमी
 अनावश्यक शंका या शक
 जान पहचान के लोगों का नाम भूल जाना
 खाना खाकर इस बारे में भूल जाना
 खुद की देखभाल न कर पाना
 अत्यधिक उग्र हो जाना
 अनावश्यक चिंता
 शरीर को लेकर अत्यधिक चिंतित रहना
 अन्य लक्षण————–
 अन्य शारीरिक बीमारी जैसे डायबिटीज, थाइरोइड, ज्यादा BP

  1. अभी की बीमारी से पहले मानसिक बीमारी के लक्षण-
    पहले की बीमारी अभी की बीमारी जैसे ही थी
    पिछली मानसिक बीमारी कब हुई थी
    पिछली मानसिक बीमारी का इलाज हुआ था
    इलाज कब तक चली
    इलाज छूटने की वजह
    अगर पुरानी इलाज का पुर्जा है तो उससे हमें भेज दे

11.परिवार के सदस्यों में मानसिक बीमारी के लक्षण-
मरीज जैसे या अलग लक्षण
मरीज से उनका रिश्ता
अभी इलाज चल रहा है या नही

12.अभी की बीमारी के पहले मरीज से स्वभाव में कोई असामान्यता जैसे आदतन बड़ी बड़ी बातें करना, एकांत रहना, हरेक कार्यों में perfection ढूंढना, बात बात में भावुक हो जाना आदि